सत्य ,श्रम,पराक्रम,उपक्रम
धर्म, दया, संस्कार मनोरम
यह गौरव गान जिसका बखान
वह युग दृष्टा गाँधी समान
मुखरित स्वर उन्नत ललाट
प्रखर मष्तिष्क जिह्वा में तलवार
उज्जवल चरित, मन से उदार
निज- भाषा का ज्ञान महान
दिलाया जगत में सम्मान
भारत भूमि की गौरव गाथा
थी विश्व पटल पर विद्यमान
वह व्यक्त कर मन की बात
कवि बना विश्व सम्राट
शत-शत नमन शत-शत प्रणाम
मृत्यु पटल पर अटल नाम
वह 'अटल' अमर जो था महान!